अन्याय की अंधी गली गाँव के सन्नाटे में, जहाँ रात की खामोशी भी चुभती थी, एक दिल दहला देने वाली घटना ने सब कुछ बदल दिया. रोशनी, एक युवा चमार लड़की, अपने घर के आँगन में अकेली बैठी थी. उसके मन में भविष्य के सपने पल रहे थे, पर उसे क्या पता था कि उस रात उसकी दुनिया हमेशा के लिए बदलने वाली है. गाँव का ठाकुर, अपनी अकड़ और ताकत के नशे में चूर, उसी रात रोशनी के घर में घुस आया. उसने रोशनी की चीखें अनसुनी कर दीं, उसकी गुहारों को रौंद डाला और अपनी क्रूरता से उसकी पवित्रता को तार-तार कर दिया. रोशनी की आत्मा लहूलुहान हो गई, उसका शरीर काँप रहा था, पर उससे ज़्यादा उसका मन टूटा था. सुबह हुई तो रोशनी ने हिम्मत जुटाई और अपने परिवार को आपबीती सुनाई. माँ-बाप का कलेजा फट गया. वे जानते थे कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ है, वह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि उनकी पूरी पहचान पर हमला है. उन्होंने ठान लिया कि वे रोशनी को न्याय दिलाकर रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े. वे रोशनी को लेकर थाने पहुँचे. पुलिस अधिकारी के सामने रोशनी ने काँपते हुए पूरी घटना सुनाई. उसके आँसुओं ने उसकी पीड़ा बयाँ कर दी थी. पर पुलिस...